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रसास्वादन विधि | Rasaasvaadan Vidhi | Tasting Method

रसास्वादन विधि → इस विधि का प्रयोग कविता शिक्षण हेतु किया जाता है।इसका उद्देश्य कविता का अर्थ बतलाना न होकर कविता का आनंद लेना होता है।  → य...

रसास्वादन विधि
रसास्वादन-विधि

→ इस विधि का प्रयोग कविता शिक्षण हेतु किया जाता है।इसका उद्देश्य कविता का अर्थ बतलाना न होकर कविता का आनंद लेना होता है। 
→ यह विधि बालक का भावात्मक विकास करती है। यह एक प्रकार की "उपसंहार विधि'' है क्योंकि कविता की सामान्य रूप से व्याख्या कर देने के पश्चात् उसकी रसानुभूति कराना ही इसका उद्देश्य है। 
→ कविता के भावों को हृदयंगम करके कवि के साथ तादात्मय स्थापित करना और भाव-विभोर होकर कविता का आनंद लेना इस विधि की सार्थकता है।

रसास्वादन के लिए आवश्यक बातें :-

→ अत्यधिक विश्लेषण रस में बाधक होता है। 
→ रचना के प्रति कौतूहल व उत्सुकता जाग्रत करनी चाहिए।
→ सरस काव्य पाठ शिक्षक द्वारा व अनुकरण छात्रों द्वारा करवाकर कक्षा का वातावरण आनंदमय बनाया जाना‌ चाहिये। 

गुण :-
• यह विधि खर्चीली नहीं है।
• छात्र की विषय मे रुचि उत्पन्न होती है।

दोष :- 
• शिक्षण की मूल भावना या अर्थ गौण हो जाता है।
• व्याकरण व साहित्य के अन्य अंग उपेक्षित हो जाते हैं।