पर्यवेक्षित अध्ययन विधि → (जन्मदाता - डेजी मॉरवल ) → अमेरिका में इस पद्धति का प्रचलन 19वीं शताब्दी के अंतिम दशक में प्रारंभ हो गया था। → इस...
पर्यवेक्षित अध्ययन विधि
→ (जन्मदाता - डेजी मॉरवल)
→ अमेरिका में इस पद्धति का प्रचलन 19वीं शताब्दी के अंतिम दशक में प्रारंभ हो गया था।
→ इस पद्धति का प्रयोग परंपरागत पद्धति के दोषों को दूर करने के लिए किया जाता है।
→ मूल रूप से यह पद्धति सामाजिक शिक्षण विषय हेतु अधिक उपयोगी है।
→ पर्यवेक्षित अध्ययन का शाब्दिक अर्थ है शिक्षक के परिवीक्षण में शिक्षार्थी द्वारा किया जाने वाला अध्ययन या स्वाध्याय। इसे सामाजिकृत अभिव्यक्ति भी कहा जाता है।
→ यह विधि निरीक्षण और अवलोकन विधि का मिश्रित रूप है।
→ पर्यवेक्षित विधि को निम्नलिखित नामों से भी जाना जाता है - निर्देशित अध्ययन विधि, निर्देशित स्वाध्याय प्रणाली, पर्यवेक्षण विधि और निरीक्षण विधि।
→ यह विधि कुशल शिक्षक के निरीक्षण और निर्देशन में सम्पन्न होती है। इसमें बालक स्वाध्यायरत रहते हैं, और यदि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई प्रतीत होती है, जिसका समाधान वे स्वयं नहीं कर सकते तो कुशल शिक्षक सहायता और उचित निर्देशन द्वारा समस्या का निराकरण करता है।
परिभाषाएँ :-
बाइनिंग व बाइनिंग - "मेज या दराजों के चारों ओर बैठे हुए कार्यरत समूह या कक्षा के शिष्यों का शिक्षक द्वारा पर्यवेक्षण करना पर्यवेक्षित अध्ययन है।"
बॉसिंग - "कुशल शिक्षक के निर्देशन से उच्चस्तरीय प्रवृत्त कार्य को पूर्ण करने के लिए कुशल अध्ययन की तकनीकियों को समझने और उन पर अधिकार प्राप्त करने का नाम ही पर्यवक्षित अध्ययन है।"
क्लार्क एवं स्टार - "निरीक्षित अध्ययन विधि छात्रों को निर्देशन में अध्ययन करने तथा अध्यापक को निरीक्षण एवं निर्देशित करने के अवसर प्रदान करती है।"
क्लॉसमियर - "निरीक्षित अध्ययन कालांश से अध्यापक द्वारा दिये गये कार्य छात्रों द्वारा प्रारंभ की गई क्रियाओं तथा विभिन्न प्रकार की व्यक्तिगत योजनाओं पर आधारित होते हैं। अध्यापक प्रत्येक छात्र की सहायता करता है। "
→ पर्यवेक्षित अध्ययन विधि के सोपान या पद :
(i) अध्ययन कार्य का आवंटन
(ii) अध्ययन हेतु निर्देश
(ii) विद्यार्थियों द्वारा स्वाध्याय एवं शिक्षक द्वारा पर्यवेक्षण
(iv) पुनरावृत्ति या आवृति प्रश्न एवं श्यामपट्ट सार
→ पर्यवेक्षित अध्ययन विधि का विभाजन तीन प्रकार से किया गया है :
(1) कालखंड विभाजन योजना : कक्षा के लिए समय विभाजन
(2) द्विकाल खंड योजना : प्रथम काल खंड में नित्य पाठ व द्वितीय खंड में निरीक्षण के साथ अध्ययन
→ द्विकाल खंड योजना में मेबल सिम्पसन की 90 मिनट की समय सारणी
(अ) पुनरीक्षण (पूर्व पाठ का) - 25 मिनट
(ब) कार्य निरीक्षण - 25 मि
(स) शारीरिक व्यायाम - 05 मिनट
(द) निर्धारित एवं निरीक्षित कार्य - 35 मिनट
3 सामाजिक योजना - प्रत्येक विषय के लिए प्रति सप्ताह 1 घंटा निरीक्षित अध्ययन हेतु।
गुण :-
1. यह स्वाध्याय की विधि है।
2. छात्र आत्मनिर्भरता सीखता है।
3. कमजोर व पिछड़े छात्रों के लिए उपयोगी
4. सामाजिकता का विकास होता है।
5. वैयक्तिक भिन्नताओं के आधार पर सीखने का अवसर मिलता है।
6. निदानात्मक व उपचारात्मक व्यवस्था वाली मनोवैज्ञानिक विधि है।
7. समस्या समाधान का कौशल विकसित होता है।
दोष :-
1. कुशाग्र बुद्धि के छात्रों को विशेष लाभ नहीं मिलता।
2. समय अधिक खर्च होता है।
3. अन्य पाठ्य सहगामी क्रियाएँ संचालन में बाधा आती है।
4. कुशल शिक्षकों का अभाव।